Hanuman Chalisa PDF in Hindi | हनुमान चालीसा पीडीऍफ़ इन हिंदी

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Hanuman Chalisa PDF in Hindi | हनुमान चालीसा पीडीऍफ़ इन हिंदी | हनुमान चालीसा का पाठ हिंदी में | Hanuman Chalisa PDF in Hindi Download | Jai Hanuman Chalisa PDF in Hindi

दोस्तों, आज की पोस्ट में हम आपके साथ Hanuman Chalisa PDF in Hindi, श्री हनुमान चालीसा का पाठ हिंदी में साझा करने वाले हैं। इस पोस्ट में हमने Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi भी आपको दिया है, जिससे आप बिना पीडीऍफ़ डाउनलोड करे भी इस पाठ को पढ़ सकते हैं।

Hanuman Chalisa PDF in Hindi (श्री हनुमान चालीसा का पाठ)

Name of PDFHanuman Chalisa PDF in Hindi | श्री हनुमान चालीसा पाठ PDF in Hindi
LanguageHindi
No of Pages6
PDF Size147 KB
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हनुमान चालीसा क्यों पढ़नी चाहिए?

हनुमान चालीसा एक प्रसिद्ध धार्मिक भजन है, जो भगवान हनुमान की महिमा गाता है। हनुमान चालीसा पढ़ने से हम भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करते हैं।

हनुमान चालीसा के अनेक फायदे हैं। कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में नीचे बताया गया है:-

  1. बुराई से मुक्ति: हनुमान चालीसा पढ़ने से हमारे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। हम बुराई से मुक्त होते हैं और अच्छी ऊर्जा को अपने आसपास आने देते हैं।
  2. सफलता के लिए प्रेरणा: हनुमान चालीसा पढ़ने से हम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं। हमें अपने कार्यों को समाप्त करने के लिए संवेदनशील बनाया जाता है और हम अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रेरित होते हैं।
  3. रोगों से छुटकारा: हनुमान चालीसा पढ़ने से हम अपने शरीर को रोगों से मुक्त करते हैं। हमें ताकत मिलती है और हमारी सेहत अच्छी होती है।
  4. शुभ कार्यों में सफलता: हनुमान चालीसा पढ़ने से हम शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं। हमारे कार्यों में आने वाली अडचनों और बाधाओं से मुक्त होते हुए हमारे कार्य सफल होते हैं।
  5. ध्यान और धार्मिकता के विकास: हनुमान चालीसा पढ़ने से हमारी धार्मिकता बढ़ती है। हम अपने अंतरंग में शांति का अनुभव करते हैं और ध्यान की अवस्था में आते हैं।
  6. विवेक और ज्ञान का विकास: हनुमान चालीसा पढ़ने से हम विवेक और ज्ञान का विकास करते हैं। हम अपनी विचारधारा को सुधारते हैं और ज्ञान की अवस्था में आते हैं।
  7. मन की शुद्धि: हनुमान चालीसा के पढ़ने से हमारा मन शुद्ध होता है। हम अपने मन को नियंत्रित करते हैं और अपने जीवन में स्थिरता का अनुभव करते हैं।
  8. भय से मुक्ति: हनुमान चालीसा के पढ़ने से हम भय से मुक्त होते हैं। हम अपनी जीवन में उत्साह और सकारात्मकता का अनुभव करते हैं और भय की स्थिति से मुक्त होते हैं।

इन सारी वजहों से हमें हनुमान चालीसा को नियमित रूप से पढ़ना चाहिए। यह हमारे शरीर, मन और आत्मा के लिए लाभदायक होता है और हमारी जीवन गतिविधियों को समृद्धि और समानता से भर देता है।

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दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार

बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा

अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी

कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा

कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे

काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥

शंकर सुवन केसरी नंदन

तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥

विद्यावान गुनी अति चातुर

राम काज करिबे को आतुर॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया

राम लखन सीता मनबसिया॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा

विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे

रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥

लाय सजीवन लखन जियाए

श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई

तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै

अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा

नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते

कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा

राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना

लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू

लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही

जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे

होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना

तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥

आपन तेज सम्हारो आपै

तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै

महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

नासै रोग हरे सब पीरा

जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

संकट तै हनुमान छुडावै

मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा

तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै

सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा

है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

साधु संत के तुम रखवारे

असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता

अस बर दीन जानकी माता॥३१॥

राम रसायन तुम्हरे पासा

सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै

जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई

जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥

और देवता चित्त ना धरई

हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

जै जै जै हनुमान गुसाईँ

कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥

जो सत बार पाठ कर कोई

छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा

होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा

कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

Conclusion – हनुमान चालीसा का पाठ हिंदी में

In this post we have shared Hanuman Chalisa PDF in Hindi, हनुमान चालीसा पीडीऍफ़ इन हिंदी, Hope this post will be helpful for you.

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हनुमान चालीसा से सम्बंधित सवाल जवाब (FAQS)
Q. 1 बार हनुमान चालीसा पढ़ने में कितना समय लगता है?

A. हनुमान चालीसा का पाठ आमतौर पर 10-15 मिनट का होता है। यह हिंदू धर्म का पाठ है जो भगवान हनुमान की स्तुति करता है। हालांकि, यह अनुक्रम मुख्य रूप से आपकी गति पर निर्भर करता है, अगर आप ध्यान से पढ़ते हैं और आपको इसका अर्थ समझना होता है तो इसमें अधिक समय लग सकता है।

Q. हनुमान चालीसा कब नहीं पढ़ना चाहिए?

A. हनुमान चालीसा का पाठ अधिकतर समयों में किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसे नहीं पढ़ना चाहिए जैसे की बिना स्नान किये हुए, अशुभ समय, जब शरीरिक रूप से अस्थिर हो और अवैध वस्तुओं का सेवन करने के बाद जैसे की शराब, धूम्रपान, मांस इत्यादि।

Q. प्रतिदिन हनुमान चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए?

A. हनुमान चालीसा को दैनिक जीवन में पढ़ा जाना एक अच्छी प्रथा है। हालांकि, इसे कितनी बार पढ़ना चाहिए इसमें कोई निश्चित संख्या नहीं है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान चालीसा को 11 या 12 बार पढ़ने से अधिक फलदायक माना जाता है। लेकिन इसे बार-बार पढ़ने के बजाय, आप इसे समझ कर पढ़ने का प्रयास करें और अपने जीवन में हनुमान जी के सुगम दर्शन, शक्ति और आशीर्वाद का आनंद उठाएं।

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